कुंडली में पितृ दोष और भगवान विष्णु की पूजा से उसका निवारण

 कुंडली में पितृ दोष और भगवान विष्णु की पूजा से उसका निवारण

Pitra Dosha in Kundali-best astrology indore
कुंडली में पितृ दोष


पितृ दोष वह दोष होता है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में उसके पूर्वजों (पितर) के कर्मों के कारण उत्पन्न होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं और कष्टों का कारण बन सकता है। यदि पितृ दोष का निवारण नहीं किया जाए तो यह जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, और मानसिक अशांति।

भगवान विष्णु की पूजा से पितृ दोष को दूर किया जा सकता है। विष्णु भगवान को पालनहार, रक्षक और पितृगणों के तारणहार के रूप में पूजा जाता है। उनकी कृपा से पितृ दोष से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।


पितृ दोष के कारण:

पूर्वजों द्वारा किए गए गलत कर्म: यदि किसी व्यक्ति के पितर अपने जीवन में कुछ गलत कर्मों को करते हैं, तो उनका प्रभाव उनके वंशजों की कुंडली में पितृ दोष के रूप में दिख सकता है।

पितरों को श्रद्धांजलि न देना: यदि व्यक्ति अपने पितरों को उचित सम्मान और श्रद्धांजलि नहीं देता, तो वह पितृ दोष का शिकार हो सकता है।

नंदनी व्रत की अवहेलना: पितरों के प्रति कृतज्ञता और आभार व्यक्त करना न केवल धर्म के अनुसार होता है, बल्कि यह पितृ दोष के निवारण के लिए भी आवश्यक है।


भगवान विष्णु की पूजा से पितृ दोष का निवारण:

भगवान विष्णु की पूजा से न केवल व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है, बल्कि यह पितृ दोष से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होती है। विष्णु भगवान की पूजा और उनके मंत्रों का जाप पितृ दोष को समाप्त करने के लिए प्रभावी उपाय है।

भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप: भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप पितृ दोष को दूर करने के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। यह जाप प्रतिदिन करना चाहिए, खासकर शनिवार और रविवार को, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले और दोष समाप्त हो।


पितरों का तर्पण और श्राद्ध: पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करना पितृ दोष को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। यह पूजा पितरों की आत्मा को शांति देती है और उनके अच्छे कर्मों के प्रभाव को हमारे जीवन में आकर्षित करती है। 


विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ पितृ दोष को नष्ट करने और परिवार में सुख-समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है। इसे नियमित रूप से करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।


व्रत और उपवास: भगवान विष्णु के व्रत और उपवास से पितृ दोष का निवारण किया जा सकता है। खासकर धनतेरस, रक्षाबंधन और कार्तिक मास में विष्णु व्रत करना प्रभावी होता है।


गोविंद पूजा: भगवान विष्णु का रूप गोविंद भी है। गोविंद पूजा करने से पितृ दोष और कष्ट समाप्त होते हैं। इसमें विशेष रूप से घी के दीपक जलाने और मूलि (किसी भी पीपल या तुलसी के पत्तों) का प्रसाद चढ़ाने की विधि है।


स्मार्ट मंत्र: विष्णु के मंत्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करके भी पितृ दोष का निवारण किया जा सकता है। इस मंत्र का जाप न केवल दोष को दूर करता है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है।


पितृ दोष को दूर करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा एक अत्यंत प्रभावी उपाय है। विष्णु भगवान के आशीर्वाद से पितृ दोष से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। नियमित रूप से भगवान विष्णु के नामों का जाप, तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से पितृ दोष का निवारण संभव होता है, और साथ ही जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।





"बिचोली हप्सी, इंदौर के निवासी को पितृ दोष से मिला समाधान!"

मेरा नाम राकेश वर्मा है, मैं इंदौर, बिचोली हप्सी में रहता हूँ। मेरे परिवार में कई सालों से आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य समस्याएँ बनी हुई थीं। कामयाबी हाथ में आते-आते छूट जाती थी। जब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया, तो उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि पितृ दोष के कारण यह सब हो रहा है। उन्होंने मुझे हर अमावस्या को भगवान विष्णु की पूजा करने, पिंडदान करने और पितरों के लिए तर्पण करने की सलाह दी। मैंने यह उपाय अपनाया और कुछ ही महीनों में जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगे। साहू जी का हृदय से धन्यवाद!

"मल्हारगंजइंदौर के निवासी को पितृ दोष से मिला समाधान!"

मेरा नाम अजय है, मैं इंदौर, मल्हारगंज में रहता हूँ। पिछले कई वर्षों से मेरे परिवार में मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी और कार्यों में बाधाएँ बनी हुई थीं। लाख कोशिशों के बाद भी स्थायी सफलता नहीं मिल रही थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया, तो उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि यह पितृ दोष के कारण हो रहा है। साहू जी ने मुझे हर अमावस्या को भगवान विष्णु की पूजा, पितरों के लिए तर्पण और गऊ सेवा करने की सलाह दी। जब मैंने यह उपाय किए, तो मेरे जीवन में चमत्कारिक बदलाव आया। साहू जी का हृदय से आभार!

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