अल्पायु योग को दूर करने के सरल और प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय

 अल्पायु योग को दूर करने के सरल और प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय 

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अल्पायु योग 

भारतीय ज्योतिष में कुंडली को व्यक्ति के जीवन का खाका माना जाता है, जिसमें उसके भाग्य, स्वभाव, सफलता और आयु से जुड़े संकेत छिपे होते हैं। कुंडली में यदि किसी व्यक्ति की आयु कम बताई गई हो या अल्पायु योग के संकेत मिलते हों, तो स्वाभाविक रूप से चिंता बढ़ जाती है। लेकिन याद रखें — ज्योतिष केवल भविष्य बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि सही उपायों से समस्याओं का समाधान भी संभव है।

अल्पायु योग का अर्थ है — कुंडली में ऐसे ग्रहों की स्थिति, जो व्यक्ति के जीवनकाल को छोटा कर सकते हैं या स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। सही समय पर किए गए ज्योतिषीय उपाय, पूजा-पाठ और सकारात्मक कर्मों से इन दोषों को कम किया जा सकता है और व्यक्ति दीर्घायु का वरदान पा सकता है।

इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि अल्पायु योग क्या है, कुंडली में इसे कैसे पहचाना जाता है, और इसे दूर करने के सरल और प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय कौन-से हैं। 

अल्पायु योग क्या है? 

अल्पायु योग उस स्थिति को दर्शाता है, जब कुंडली में आयु को प्रभावित करने वाले ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में होते हैं। ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की आयु को तीन भागों में बाँटा जाता है:

अल्पायु  - जन्म से 32 वर्ष तक।

मध्यमायु  - 33 से 75 वर्ष तक।

दीर्घायु   - 75 वर्ष के बाद।


जब कुंडली में अल्पायु योग बनता है, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएँ, दुर्घटनाओं का खतरा या अचानक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए ऐसे योगों को पहचानकर सही समय पर उपाय करना बहुत ज़रूरी है।

कुंडली में अल्पायु योग की पहचान कैसे करें?

कुंडली में अल्पायु योग 

आठवें भाव की स्थिति:

  • आठवाँ भाव व्यक्ति की आयु और जीवन की स्थिरता को दर्शाता है।
  • यदि आठवें भाव में राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे पाप ग्रह बैठते हैं, तो अल्पायु योग बनता है।

आयु कारक ग्रहों की स्थिति:

       शनि, मंगल और आयु कारक ग्रह अगर कुंडली में नीच राशि में हों, अस्त हों या पाप ग्रहों के प्रभाव में हों, तो                  जीवनकाल पर नकारात्मक असर पड़ता है।
लग्न और लग्नेश की कमजोरी:
  • लग्न (Ascendant) व्यक्ति के जीवन का मुख्य आधार है।
  • अगर लग्न या लग्नेश (Ascendant Lord) कमजोर या अशुभ ग्रहों के प्रभाव में हों, तो यह अल्पायु योग की ओर संकेत करता है।

मारकेश ग्रहों का प्रभाव:

  • द्वितीय (2nd) भाव और सातवें (7th) भाव के स्वामी को मारकेश कहा जाता है, जो जीवन में कठिनाइयाँ और विपत्तियाँ ला सकते हैं।
  • यदि ये ग्रह अशुभ स्थिति में हों या आठवें भाव को प्रभावित करें, तो अल्पायु योग बनता है।

अल्पायु योग को दूर करने के सरल और प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय 

अगर आपकी कुंडली में अल्पायु योग बन रहा है, तो घबराने की बजाय इन सरल और प्रभावशाली उपायों को अपनाएँ। ये उपाय न केवल आपकी आयु बढ़ा सकते हैं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता और स्वास्थ्य भी लाते हैं।

 महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें 


महामृत्युंजय मंत्र

  • यह सबसे शक्तिशाली मंत्र है, जो आयु वृद्धि और स्वास्थ्य रक्षा के लिए जाना जाता है।
  • रोज़ सुबह या शाम को "ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥" मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • किसी योग्य पंडित से महामृत्युंजय यज्ञ करवाना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।

शनि की शांति के लिए उपाय करें 

  • शनि ग्रह आयु और कर्म का कारक है।
  • शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
  • गरीबों और ज़रूरतमंदों को काले तिल, उड़द दाल और लोहे की वस्तुओं का दान करें।
  • "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करें।

 मंगल और राहु के दोषों को शांत करें 

  • मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएँ और चमेली के तेल का दीपक जलाएँ।
  • "ॐ अं अंगारकाय नमः" और "ॐ रां राहवे नमः" मंत्रों का जाप करें।
  • कुत्ते और पक्षियों को खाना खिलाएँ — यह राहु को शांत करने का प्रभावी उपाय है।

रुद्राभिषेक करवाएँ 

  • भगवान शिव की पूजा आयु वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।
  • किसी शुभ दिन पर रुद्राभिषेक करवाएँ और शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।

सूर्य देव को अर्घ्य दें 

  • रोज़ सुबह तांबे के लोटे में जल, गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
  • सूर्य मजबूत होने से आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और दीर्घायु बढ़ती है।

भाग्य और आयु वृद्धि के लिए दान करें 

  • गरीबों को कंबल, जूते और खाने-पीने की वस्तुओं का दान करें।
  • सोमवार को दूध, चावल और सफेद कपड़ों का दान करें।
  • शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और लोहे की चीज़ें ज़रूरतमंदों को दें।

सावधानियाँ और ध्यान रखने योग्य बातें 

  • हमेशा शुभ कर्म करें और बड़ों का आशीर्वाद लें।
  • अहंकार, क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें।
  • सात्विक भोजन करें और संयमित जीवन शैली अपनाएँ।
  • नियमित योग और ध्यान करें, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बना रहे।
कुंडली में अल्पायु योग होने का मतलब यह नहीं है कि जीवन छोटा ही रहेगा। सही समय पर किए गए ज्योतिषीय उपाय, सकारात्मक सोच और शुभ कर्मों से इस योग के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राभिषेक, दान-पुण्य और ग्रहों की शांति के उपाय अपनाकर न केवल आप अपनी आयु बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन भी पा सकते हैं।



कविता और संजय मेहरा, एबी रोड, इंदौर
शादी के बाद हमारे रिश्ते में लगातार तनाव रहने लगा। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते थे। रिश्ते में प्यार की कमी महसूस हो रही थी। किसी के सुझाव पर हम साहू जी के पास गए। उन्होंने हमारी कुंडली मिलाकर बताया कि मंगल दोष और शनि की स्थिति के कारण ऐसा हो रहा है। उन्होंने रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ, मंगलवार का व्रत और कुछ रत्न पहनने की सलाह दी। इन उपायों को अपनाने के बाद हमारे रिश्ते में प्यार और समझ बढ़ी। अब हमारा वैवाहिक जीवन खुशहाल है।"

नीता शर्मा, भंवरकुआं, इंदौर
मेरे बेटे को पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही थीं। मेहनत करने के बाद भी उसके रिजल्ट अच्छे नहीं आ रहे थे। साहू जी से मिलने के बाद उन्होंने बताया कि कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है, जिससे एकाग्रता की समस्या हो रही है। उन्होंने रोज़ाना गणपति जी की पूजा, हरे रंग का प्रयोग और विशेष मंत्रों का जाप करने की सलाह दी। उनके उपायों को अपनाने के बाद मेरे बेटे के रिजल्ट में जबरदस्त सुधार आया है। अब वह पढ़ाई में अव्वल आ रहा है।"

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