भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र और ग्रह दोषों का निवारण
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भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र |
भारतीय ज्योतिष और आध्यात्मिकता में भगवान शिव को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। वे त्रिदेवों में से एक हैं, जो संहारक के रूप में जाने जाते हैं। भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली है, जिसे जीवन की कठिनाइयों, रोग, शत्रुता और ग्रह दोषों को दूर करने के लिए जपा जाता है। इस मंत्र के नियमित जप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और समस्त भय समाप्त हो जाते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र की महिमा और ग्रह दोषों के निवारण में इसकी भूमिका।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ और महात्म्य
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महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ |
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||
मंत्र का अर्थ: हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की उपासना करते हैं, जो संपूर्ण संसार को पोषण और शक्ति प्रदान करते हैं। जैसे एक खीरा बेल से बिना कष्ट के अलग हो जाता है, वैसे ही हम मृत्यु के बंधनों से मुक्त होकर अमृतत्व को प्राप्त करें।
महात्म्य:
जीवन के संकटों से रक्षा करता है।
अकाल मृत्यु को टालता है।
मानसिक शांति और स्वास्थ्य प्रदान करता है।
नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करता है।
ग्रह दोष और महामृत्युंजय मंत्र का प्रभाव
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ग्रह दोष |
लक्षण: अहंकार, पिता से मतभेद, स्वास्थ्य समस्याएं।
निवारण: रविवार को महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और जल में लाल चंदन मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
लक्षण: मानसिक अशांति, अस्थिरता, माता से कष्ट।
निवारण: सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और सफेद पुष्प अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करें।
लक्षण: आक्रामकता, विवाह में देरी, रक्त विकार।
निवारण: मंगलवार को शिवलिंग पर लाल पुष्प चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
बुध दोष:
लक्षण: बुद्धि भ्रम, निर्णय में अशुद्धि, व्यापार में नुकसान।
निवारण: बुधवार को हरी वस्तुओं का दान करें और महामृत्युंजय मंत्र का 51 बार जप करें।
लक्षण: शिक्षा में बाधा, धर्म से दूरी, आर्थिक परेशानी।
निवारण: बृहस्पतिवार को पीले वस्त्र धारण करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
शुक्र दोष:
लक्षण: वैवाहिक जीवन में तनाव, विलासिता में कमी।
निवारण: शुक्रवार को सफेद कपड़े पहनकर शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
शनि दोष:
लक्षण: कार्य में बाधा, धन हानि, रोग।
निवारण: शनिवार को तिल का तेल शिवलिंग पर चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करें।
राहु दोष:
लक्षण: भ्रम, मानसिक तनाव, शत्रुता।
निवारण: शनिवार को महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और काले तिल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
केतु दोष:
लक्षण: आध्यात्मिक भ्रम, दुर्घटना, अचानक हानि।
निवारण: मंगलवार को महामृत्युंजय मंत्र का 21 बार जप करें और भगवान शिव को नारियल अर्पित करें।
महामृत्युंजय मंत्र जप की विधि
- प्रातः स्नान कर शुद्ध होकर शिवलिंग के सामने बैठें।
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और चीनी से अभिषेक करें।
रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करें।
शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा और आक का फूल अर्पित करें।
जप के बाद शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
अंत में शिव आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
महामृत्युंजय मंत्र जप के लाभ
असाध्य रोगों से मुक्ति।
जीवन में स्थिरता और समृद्धि।
नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा।
ग्रह दोषों का शमन।
पारिवारिक जीवन में शांति।
भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र एक अद्भुत आध्यात्मिक साधना है, जो ग्रह दोषों को दूर कर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। सही विधि से इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर आप भी अपने जीवन में किसी प्रकार के ग्रह दोषों से पीड़ित हैं, तो भगवान शिव की उपासना करें और महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करें। इससे आपके जीवन में सुख-शांति और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा।
"पलासिया इंदौर, के निवासी को महामृत्युंजय मंत्र से मिला ग्रह दोषों का समाधान!"
मेरा नाम राहुल मिश्रा है, मैं पलासिया, इंदौर में रहता हूँ। मेरी कुंडली में राहु और केतु के दोष होने के कारण जीवन में लगातार समस्याएं आ रही थीं। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था, परिवार में कलह हो रही थी और कामकाज में भी अड़चनें आ रही थीं। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया।
साहू जी ने मेरी कुंडली का गहराई से अध्ययन किया और बताया कि ग्रह दोषों के निवारण के लिए भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी होगा। उन्होंने मुझे नियमित रूप से 108 बार "ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा अमृतात्।" का जाप करने और सोमवार को शिवलिंग पर जल और बिल्वपत्र अर्पित करने का सुझाव दिया।
उपायों को अपनाने के बाद मेरे जीवन में सकारात्मकता आई, स्वास्थ्य में सुधार हुआ और पारिवारिक जीवन में भी शांति बनी रही।
"विजय नगर इंदौर, के निवासी को भगवान शिव की कृपा से ग्रह दोषों से मिली मुक्ति!"
मेरा नाम सुमित है, मैं विजय नगर, इंदौर में रहता हूँ। मेरे जीवन में शनि दोष के कारण कई परेशानियां थीं। व्यापार में लगातार नुकसान हो रहा था, स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था और पारिवारिक जीवन में भी तनाव था।
ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी ने मेरी कुंडली का विश्लेषण किया और बताया कि शनि दोष से मुक्ति के लिए भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र बेहद प्रभावी रहेगा। उन्होंने मुझे सोमवार और शनिवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल अर्पित करने, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने और जरूरतमंदों को काले तिल और कपड़े का दान करने का परामर्श दिया।
साहू जी के उपायों को अपनाने के बाद मेरे जीवन में चमत्कारी बदलाव आया। व्यापार में उन्नति हुई, स्वास्थ्य में सुधार हुआ और पारिवारिक जीवन में भी खुशहाली आई।