कुंडली मिलान: विवाह में संगम की कुंजी

 कुंडली मिलान: विवाह में संगम की कुंजी


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 कुंडली मिलान

भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का मिलन माना जाता है। यह एक पवित्र बंधन है, जिसे सुखद, सफल और संतुलित बनाने के लिए कुंडली मिलान को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कुंडली मिलान के माध्यम से वर और वधू के स्वभाव, सोच, आदतों, स्वास्थ्य और जीवनशैली की समानता का विश्लेषण किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि दोनों का दांपत्य जीवन शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और समृद्ध हो।

इस लेख में हम कुंडली मिलान के महत्व, प्रक्रिया और इसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

कुंडली मिलान क्यों जरूरी है?

विवाह केवल भावनाओं पर आधारित नहीं होता, बल्कि इसमें दो व्यक्तियों की मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और आध्यात्मिक संगति भी आवश्यक होती है। कुंडली मिलान के माध्यम से यह जाना जाता है कि वर-वधू के बीच सामंजस्य रहेगा या नहीं। इसके ज़रिए विवाह के बाद आने वाली संभावित समस्याओं को पहले से समझकर उनके समाधान के उपाय किए जा सकते हैं।

कुंडली मिलान के कुछ मुख्य लाभ


कुंडली मिलान के कुछ मुख्य लाभ

  • स्वभाव और विचारों का मेल: दोनों के सोचने-समझने के तरीके में समानता है या नहीं, यह पता चलता है।
  • स्वास्थ्य और दीर्घायु: वर और वधू के स्वास्थ्य, जीवन की लंबाई और संतान सुख के बारे में जानकारी मिलती है।
  • आर्थिक स्थिति: आर्थिक स्थिरता और समृद्धि के योगों को देखा जाता है।
  • सामाजिक और पारिवारिक सामंजस्य: परिवारों के बीच तालमेल और रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी या नहीं, इसका अंदाजा मिलता है।

कुंडली मिलान की प्रक्रिया

कुंडली मिलान के लिए वर और वधू की जन्म तारीख, समय और स्थान की सही जानकारी आवश्यक होती है। इन जानकारियों के आधार पर जन्म कुंडली तैयार की जाती है और विभिन्न गुणों का मिलान किया जाता है।

कुंडली मिलान में 8 मुख्य गुण (अष्टकूट मिलान):

गुणों के नामअंक (गुण)महत्व
वर्ण (1)1दंपत्ति के मानसिक और आध्यात्मिक तालमेल को दर्शाता है।
वश्य (2)2दोनों के स्वभाव पर नियंत्रण और एकता को दिखाता है।
तारा (3)3स्वास्थ्य और दीर्घायु का संकेत देता है।
योनि (4)4शारीरिक आकर्षण और वैवाहिक जीवन में तालमेल।
ग्रह मैत्री (5)5वर-वधू के बीच मित्रता और आपसी समझ।
गण (6)6स्वभाव में समानता — देवगण, नरगण, राक्षसगण।
भकूट (7)7आर्थिक स्थिति, समृद्धि और पारिवारिक जीवन।
नाड़ी (8)8स्वास्थ्य, संतान सुख और वंश वृद्धि।

कुल अंक: 36

गुण मिलान का महत्व:

  • 18 से कम अंक: विवाह के लिए अनुशंसित नहीं।
  • 18-24 अंक: औसत, विवाह संभव है लेकिन कुछ उपाय आवश्यक हैं।
  • 25-32 अंक: अच्छा मेल, सफल विवाह के योग।
  • 33-36 अंक: बहुत उत्तम मेल, सुखद और समृद्ध दांपत्य जीवन।

मांगलिक दोष और उसके उपाय


मांगलिक दोष


कुंडली मिलान में एक और महत्वपूर्ण पहलू होता है मांगलिक दोष। जब मंगल ग्रह किसी की कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो इसे मांगलिक दोष कहते हैं। इससे वैवाहिक जीवन में संघर्ष, स्वास्थ्य समस्याएं और अन्य कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

मांगलिक दोष के उपाय:

  • मंगल दोष निवारण पूजा करें।
  • हनुमान चालीसा और मंगल मंत्र का नियमित जाप करें।
  • मंगल ग्रह के लिए लाल वस्त्र, मसूर की दाल और गुड़ का दान करें।

कुंडली मिलान न होने पर क्या करें?

अगर कुंडली में गुण मिलान कम होता है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसके लिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं।

  • ग्रहों की शांति के उपाय करें।
  • मंत्र जाप, रत्न धारण और पूजा-अर्चना करें।
  • वर और वधू को सकारात्मक सोच अपनाने और एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए।
कुंडली मिलान भारतीय वैवाहिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल वर-वधू के आपसी तालमेल को दर्शाता है, बल्कि उनके भविष्य के जीवन को भी सुरक्षित और सुखमय बनाने में मदद करता है। हालांकि, कुंडली मिलान के साथ ही रिश्ते में विश्वास, प्रेम, सम्मान और समझ भी ज़रूरी है। अगर दोनों एक-दूसरे को समझने और साथ देने का वादा करते हैं, तो कोई भी ग्रह दोष उनके दांपत्य जीवन को प्रभावित नहीं कर सकता।




रोहन अग्रवाल, मालवा मिल, इंदौर

कई सालों से एक कानूनी मामले में उलझा हुआ था। केस में बार-बार रुकावटें आ रही थीं और फैसला मेरे पक्ष में नहीं हो रहा था। तभी मैंने ज्योतिषी साहू जी से सलाह ली। उन्होंने कुंडली देखकर मंगल और राहु के दोष को पहचाना और कुछ विशेष उपाय जैसे मंगलवार को हनुमान जी की पूजा, रुद्राक्ष धारण और विशेष मंत्र जाप करने को कहा। कुछ ही महीनों में केस का फैसला मेरे पक्ष में आया। साहू जी की सलाह ने मेरी जिंदगी बदल दी।"

काव्या मेहता, तिलक नगर, इंदौर

विदेश जाने के लिए कई बार वीज़ा अप्लाई किया लेकिन हर बार रुकावटें आ रही थीं। बहुत कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिली। तब मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने कुंडली में राहु और गुरु की स्थिति देखी और कुछ उपाय जैसे गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा, पीली वस्तुओं का दान और विशेष मंत्रों का जाप करने को कहा। कुछ ही महीनों में मेरा वीज़ा अप्रूव हो गया और अब मैं अपने सपनों को साकार कर रहा हूं।"


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