भगवान शिव की त्रिनेत्र साधना से कुंडली के दोष कैसे दूर करें?
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भगवान शिव की त्रिनेत्र साधना |
भगवान शिव को संहार और सृजन के देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी त्रिनेत्र साधना एक अत्यंत शक्तिशाली साधना है, जो कुंडली में उपस्थित विभिन्न ग्रह दोषों को शांत करने और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए की जाती है। भगवान शिव का तीसरा नेत्र ज्ञान, विवेक और ऊर्जा का प्रतीक है, जो व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करता है।
त्रिनेत्र साधना का महत्व: भगवान शिव का त्रिनेत्र दिव्य दृष्टि और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में शनि, राहु, केतु, मंगल और अन्य क्रूर ग्रहों के अशुभ प्रभाव से जीवन में कई तरह की समस्याएँ आती हैं, जैसे आर्थिक तंगी, वैवाहिक जीवन में कलह, स्वास्थ्य समस्याएँ और व्यवसाय में हानि। त्रिनेत्र साधना के माध्यम से इन दोषों को शांत किया जा सकता है।
त्रिनेत्र साधना की प्रक्रिया:
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त्रिनेत्र साधना |
- शुद्धि और ध्यान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और एक शांत स्थान पर बैठें।
भगवान शिव का ध्यान: शिवलिंग के सामने बैठकर भगवान शिव का ध्यान करें।
त्रिनेत्र मंत्र जप: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥" मंत्र का 108 बार जप करें।
दीपक और धूप जलाएँ: भगवान शिव के समक्ष दीपक और धूप जलाकर अपनी प्रार्थना करें।
जल अर्पण करें: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।.
त्रिनेत्र साधना के लाभ:
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त्रिनेत्र साधना के लाभ: |
कुंडली में उपस्थित ग्रह दोषों का निवारण।
आर्थिक समस्याओं से मुक्ति और समृद्धि का आगमन।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य की वृद्धि।
स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति।
मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
सावधानियाँ:
साधना के दौरान मन को एकाग्र रखें।
किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लें यदि कुंडली में गंभीर दोष हों।
साधना को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
भगवान शिव की त्रिनेत्र साधना एक अद्भुत और प्रभावशाली उपाय है, जो जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर कर सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक है। कुंडली के दोषों को शांत करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए इस साधना को नियमित रूप से करें।
"स्कीम नंबर 78 इंदौर, के निवासी को भगवान शिव की त्रिनेत्र साधना से मिला कुंडली दोषों का समाधान!"
मेरा नाम सुरेश मिश्रा है, मैं स्कीम नंबर 78, इंदौर में रहता हूँ। मेरे जीवन में लगातार विफलताएं और पारिवारिक समस्याएं बनी हुई थीं। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। साहू जी ने मेरी कुंडली का गहराई से अध्ययन किया और बताया कि कुछ ग्रह दोष मेरी प्रगति में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने भगवान शिव की त्रिनेत्र साधना का परामर्श दिया। नियमित त्रिनेत्र मंत्र का जाप और सोमवार को शिवलिंग पर जल अर्पित करने से मेरे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगे और समस्याओं का समाधान होने लगा।
"पलासिया इंदौर, के निवासी को त्रिनेत्र साधना से जीवन में आई नई रोशनी!"
मेरा नाम रवि वर्मा है, मैं पलासिया, इंदौर में रहता हूँ। मेरी कुंडली में पितृ दोष और शनि के प्रभाव से जीवन में संघर्ष अधिक था। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से सलाह ली। साहू जी ने त्रिनेत्र साधना का उपाय सुझाया। भगवान शिव के त्रिनेत्र का ध्यान, मंत्र जाप और सोमवार को बेल पत्र चढ़ाने से मेरे जीवन में शांति और सफलता का मार्ग खुल गया। अब मैं जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा हूँ।