देवताओं के रत्न और उनका ग्रहों पर प्रभाव: कौन सा रत्न किस देवता से जुड़ा है?

देवताओं के रत्न और उनका ग्रहों पर प्रभाव: कौन सा रत्न किस देवता से जुड़ा है?

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देवताओं के रत्न और उनका ग्रहों 

प्रत्येक देवता और ग्रह से जुड़े रत्न न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि ये शारीरिक, मानसिक और भौतिक दृष्टि से भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन रत्नों का चयन सही ग्रह और देवता के अनुरूप किया जाता है, ताकि व्यक्ति के जीवन में संतुलन, समृद्धि और शांति आए।

सूर्य (भगवान सूर्य) - माणिक 

सूर्य का रत्न माणिक होता है।
प्रभाव: यह आत्मविश्वास, ऊर्जा, सफलता और स्वास्थ्य को बढ़ाता है। माणिक पहनने से जीवन में समृद्धि और भाग्य का वास होता है।

चंद्रमा (भगवान चंद्र) - मोती 

चंद्रमा का रत्न मोती होता है।
प्रभाव: यह मानसिक शांति, संयम और सकारात्मक सोच को बढ़ाता है। मोती पहनने से चंद्र ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।

मंगल (भगवान कुवेर) - मूंगा 

मंगल का रत्न मूंगा होता है।
प्रभाव: यह साहस, शक्ति, संघर्ष की भावना और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। मूंगा पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार होता है।

बुध (भगवान बुद्ध) - पन्ना 

बुध का रत्न पन्ना होता है।
प्रभाव: यह बुद्धि, तर्क शक्ति, संवाद कौशल और रचनात्मकता को बढ़ाता है। पन्ना पहनने से शिक्षा, व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।


गुरु (भगवान बृहस्पति) - पीतल

गुरु का रत्न पीतल या पीला नीलम होता है।
प्रभाव: यह ज्ञान, सौभाग्य, और सफलता की प्राप्ति में मदद करता है। गुरु का रत्न पहनने से जीवन में आशीर्वाद और उन्नति होती है।

शुक्र (भगवान लक्ष्मी) - हीरा

शुक्र का रत्न हीरा होता है।
प्रभाव: यह प्रेम, आकर्षण, भौतिक सुख-संसार और कला के क्षेत्र में सफलता दिलाता है। हीरा पहनने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

शनि (भगवान शनि देव) - नीलम

शनि का रत्न नीलम होता है।
प्रभाव: यह व्यक्ति को कड़ी मेहनत, धैर्य और जिम्मेदारी का एहसास कराता है। नीलम पहनने से शनि ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

राहू (अश्विनी कुमार) - गोमेद

राहू का रत्न गोमेद होता है।
प्रभाव: यह मानसिक स्पष्टता, मानसिक शांति और राहू के दुष्प्रभावों को कम करता है। गोमेद पहनने से व्यक्ति के जीवन में सुधार आता है।

केतु (नाग देवता) - लहसुनिया

केतु का रत्न लहसुनिया होता है।
प्रभाव: यह आत्मज्ञान, समृद्धि और मानसिक शांति को बढ़ाता है। लहसुनिया पहनने से केतु के प्रतिकूल प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

बृहस्पति (भगवान विष्णु) - पुखराज 

बृहस्पति का रत्न पुखराज होता है।
प्रभाव: यह ज्ञान, वैभव, उन्नति और समृद्धि को आकर्षित करता है। पुखराज पहनने से जीवन में सौभाग्य और आशीर्वाद आता है।

रत्नों का सही चुनाव और देवताओं के साथ उनका संबंध न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि शारीरिक और मानसिक लाभ देने में भी प्रभावी साबित होता है। किसी भी रत्न को धारण करने से पहले संबंधित ग्रह और देवता के आशीर्वाद को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है।





 पलासिया इंदौर, के निवासी को देवताओं के रत्न से मिला जीवन में सकारात्मक बदलाव!
मेरा नाम सुरेश वर्मा है, मैं इंदौर, पलासिया में रहता हूँ। मेरी कुंडली में ग्रह दोष के कारण करियर और परिवार में समस्याएँ आ रही थीं। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि मुझे भगवान विष्णु से जुड़े पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) धारण करना चाहिए। साहू जी के बताए नियमों के अनुसार मैंने इस रत्न को विधिपूर्वक धारण किया। कुछ ही समय में मुझे करियर में प्रगति और परिवार में शांति का अनुभव होने लगा। सच में, साहू जी के मार्गदर्शन ने मेरी ज़िंदगी बदल दी।

 भंवरकुआं इंदौर, के निवासी को देवताओं के रत्न से मिला आश्चर्यजनक लाभ!"

मेरा नाम रवि  है, मैं इंदौर, भंवरकुआं में रहता हूँ। मेरी कुंडली में शनि दोष था, जिससे व्यवसाय में लगातार नुकसान हो रहा था। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली का गहराई से विश्लेषण कर मुझे भगवान हनुमान से जुड़े नीलम रत्न (Blue Sapphire) धारण करने की सलाह दी। साहू जी के निर्देशों का पालन करते हुए मैंने सही विधि से नीलम रत्न पहना। कुछ ही समय में व्यवसाय में तेजी आई, रुके हुए काम सफलता से पूरे होने लगे। साहू जी के उपाय से मेरा जीवन सकारात्मक हो गया।


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