अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से स्मरण शक्ति में होती है वृद्धि

 

अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से स्मरण शक्ति में होती है वृद्धि

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अध्ययन कक्ष की सजावट का विशेष महत्व है


वास्तुशास्त्र और ज्योतिष में घर और अध्ययन कक्ष की सजावट का विशेष महत्व है। अध्ययन कक्ष में सही वस्तुओं की उपस्थिति न केवल पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाती है, बल्कि स्मरण शक्ति और निर्णय क्षमता को भी सशक्त करती है। इसी संदर्भ में, अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने को अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है। यह न केवल शिक्षा में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि विद्यार्थी के मानसिक विकास में भी सहायक सिद्ध होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से क्या फायदे होते हैं और इसे रखने की सही विधि क्या है।

ग्लोब रखने का ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्रीय महत्व:

ग्लोब रखने का ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्रीय महत्व:

ग्लोब को पृथ्वी का प्रतीक माना जाता है, जो स्थिरता, ज्ञान और उन्नति का सूचक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, ज्योतिष में इसे गुरु ग्रह (बृहस्पति) से जोड़कर देखा जाता है, जो ज्ञान, शिक्षा और स्मरण शक्ति का कारक है। जब अध्ययन कक्ष में ग्लोब को सही दिशा में रखा जाता है, तो यह विद्यार्थी के दिमाग को तेज बनाता है और उसे हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में मदद करता है।

ग्लोब रखने से होने वाले लाभ:

  1. स्मरण शक्ति में वृद्धि: अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से विद्यार्थियों की याददाश्त बेहतर होती है। जो बच्चे पढ़ा हुआ जल्दी भूल जाते हैं, उनके लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी है।

  2. एकाग्रता में सुधार: ग्लोब से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जो विद्यार्थी की एकाग्रता को बढ़ाती है और पढ़ाई में ध्यान भटकने की समस्या को दूर करती है।

  3. निर्णय क्षमता में वृद्धि: ग्लोब रखने से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता सशक्त होती है, जिससे विद्यार्थी कठिन परिस्थितियों में भी सही निर्णय ले पाता है।

  4. सामान्य ज्ञान में वृद्धि: ग्लोब को देखने और समझने से भूगोल और विश्व के विभिन्न देशों की जानकारी मिलती है, जिससे विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है।

  5. करियर में सफलता: अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने से शिक्षा में उन्नति होती है, जिससे आगे चलकर विद्यार्थी को अपने करियर में भी सफलता प्राप्त होती है।

ग्लोब रखने की सही दिशा और विधि:

ग्लोब रखने की सही दिशा और विधि

  • दिशा: वास्तुशास्त्र के अनुसार, ग्लोब को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान और शिक्षा की ऊर्जा को सक्रिय करती है।

  • ऊंचाई: ग्लोब को हमेशा पढ़ाई की मेज या शेल्फ पर रखें, ताकि यह विद्यार्थी की दृष्टि में बना रहे।

  • साफ-सफाई: ग्लोब को समय-समय पर साफ करते रहें, क्योंकि धूल-मिट्टी जमा होने से सकारात्मक ऊर्जा में रुकावट आती है।

  • सही रंग: नीले और हरे रंग का ग्लोब शिक्षा और मानसिक विकास के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

सावधानियाँ:

  • ग्लोब को कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें, क्योंकि यह दिशा स्थिरता और जड़ता की मानी जाती है।

  • टूटे या पुराने ग्लोब का उपयोग न करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है।

  • अध्ययन कक्ष में ग्लोब के साथ-साथ अन्य शिक्षा-संबंधित वस्तुएं जैसे किताबें, पेन स्टैंड और अध्ययन सामग्री को भी सुव्यवस्थित रखें।


अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखना एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली उपाय है, जिससे विद्यार्थी की स्मरण शक्ति, एकाग्रता और निर्णय क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। यह न केवल शिक्षा में सफलता दिलाने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, अगर आप अपने बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार चाहते हैं, तो अध्ययन कक्ष में ग्लोब को उचित दिशा और विधि से अवश्य स्थापित करें।

"पलासिया इंदौर, के छात्र को ग्लोब रखने से मिली पढ़ाई में सफलता!"

मेरा नाम रचित जैन है, मैं पलासिया, इंदौर में रहता हूँ। पढ़ाई के दौरान मेरी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई थी, परीक्षाओं में अच्छे अंक नहीं आ रहे थे। मेरे माता-पिता ने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। साहू जी ने मेरी कुंडली का विश्लेषण किया और सुझाव दिया कि मुझे अपने अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि ग्लोब बुध ग्रह को मजबूत करता है, जिससे स्मरण शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि होती है। मैंने उनका यह उपाय अपनाया और कुछ ही समय में मेरी पढ़ाई में सुधार दिखने लगा। अब मैं आत्मविश्वास से अपनी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर रहा हूँ।

"विजय नगर इंदौर, के छात्र को ग्लोब के उपाय से प्रतियोगी परीक्षाओं में मिली सफलता!"

मेरा नाम प्रियांशु शर्मा है, मैं विजय नगर, इंदौर में रहता हूँ। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान मुझे याद रखने में कठिनाई हो रही थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। साहू जी ने मेरी कुंडली का अध्ययन किया और बताया कि बुध ग्रह की स्थिति कमजोर है, जिससे मेरी स्मरण शक्ति प्रभावित हो रही है। उन्होंने मुझे अध्ययन कक्ष में ग्लोब रखने और प्रतिदिन उसकी दिशा में प्रार्थना करने का सुझाव दिया। इस छोटे से उपाय ने मेरे जीवन में बड़ा बदलाव लाया, आज मैं प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा हूँ।


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