अरेंज मैरिज या लव मैरिज – कुंडली क्या कहती है?

अरेंज मैरिज या लव मैरिज – कुंडली क्या कहती है?

अरेंज मैरिज या लव मैरिज – कुंडली क्या कहती है?

विवाह, भारतीय संस्कृति में केवल दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गठबंधन होता है। आधुनिक समय में जब हम विवाह की बात करते हैं, तो अक्सर एक सवाल सामने आता है – अरेंज मैरिज या लव मैरिज? कई लोग इस पर अपने अनुभव, विचार और समाज की अपेक्षाओं के आधार पर राय रखते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका जवाब कुंडली के माध्यम से ढूंढा जाता है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि अरेंज मैरिज या लव मैरिज, यह निर्णय कैसे ज्योतिषीय संकेतों और कुंडली में छिपे रहस्यों पर निर्भर करता है और कुंडली क्या कहती है इसके बारे में ज्योतिषीय दृष्टि से क्या समझा जा सकता है।

विवाह और ज्योतिष का संबंध

भारतीय ज्योतिष में विवाह का सीधा संबंध सप्तम भाव, शुक्र, गुरु, मंगल, चंद्रमा और राहु-केतु जैसे ग्रहों से होता है। जन्म कुंडली में इन ग्रहों और भावों की स्थिति देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का विवाह किस प्रकार का होगा। कुंडली क्या कहती है, यह समझना विवाह के स्वरूप को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।

अरेंज मैरिज के ज्योतिषीय संकेत

अरेंज मैरिज या लव मैरिज की भविष्यवाणी के लिए सबसे पहले यह देखना होता है कि कुंडली में पारंपरिक विवाह के योग अधिक हैं या नहीं। आइए जानते हैं, अरेंज मैरिज के लिए कौन-कौन से संकेत होते हैं:

  • सप्तम भाव की मजबूती – सप्तम भाव जीवनसाथी और विवाह का भाव होता है। अगर यह भाव मजबूत हो और गुरु या शुक्र की शुभ दृष्टि हो, तो पारंपरिक विवाह के योग प्रबल होते हैं।

  • चंद्रमा और गुरु का प्रभावचंद्रमा और गुरु पारिवारिक और पारंपरिक मूल्यों का प्रतीक माने जाते हैं। इनकी कुंडली में मजबूत स्थिति अरेंज मैरिज की ओर इशारा करती है।
  • राहु-केतु और मंगल का संयमित प्रभाव – यदि इन ग्रहों का प्रभाव संतुलित हो, तो विवाह में परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
  • कुंडली मिलान की भूमिका – पारंपरिक विवाहों में कुंडली मिलान अनिवार्य माना जाता है। इस संदर्भ में कुंडली क्या कहती है इसका महत्व और बढ़ जाता है।

लव मैरिज के ज्योतिषीय संकेत

अब जानते हैं लव मैरिज के संकेत, जो कुंडली में देखे जाते हैं:

  • पंचम भाव की सक्रियता – पंचम भाव प्रेम का भाव होता है। यदि पंचम भाव मजबूत हो, तो प्रेम संबंधों का संकेत मिलता है।

  • शुक्र और मंगल का मिलन – शुक्र आकर्षण और प्रेम का कारक है, जबकि मंगल जुनून और साहस का। दोनों ग्रहों की युति लव मैरिज के योग बनाती है।

  • राहु-केतु का प्रभाव – ये ग्रह परंपराओं को तोड़ने और नए रास्ते चुनने का संकेत देते हैं, जो लव मैरिज में दिखाई देता है।

  • चंद्रमा की भूमिकाचंद्रमा अगर प्रेम भावों को जागृत कर रहा हो, तो व्यक्ति अपने रिश्ते में भावुक होता है, जिससे लव मैरिज की संभावना बढ़ती है।

कुंडली क्या कहती है – अरेंज मैरिज या लव मैरिज?

अक्सर लोग ज्योतिषी से पूछते हैं, कुंडली क्या कहती है – मेरा विवाह अरेंज होगा या लव? इसका उत्तर देने के लिए ज्योतिषी उपरोक्त ग्रहों और भावों के साथ-साथ दशा, गोचर और योगों का अध्ययन करते हैं।

अगर आपकी कुंडली में पंचम भाव, सप्तम भाव और शुक्र-मंगल मजबूत हों, तो लव मैरिज के योग बनते हैं। वहीं गुरु, चंद्रमा और सप्तम भाव की मजबूती पारंपरिक विवाह की ओर इशारा करती है।

अरेंज मैरिज या लव मैरिज – कौन सा बेहतर?

यह सवाल अक्सर मन में आता है कि अरेंज मैरिज या लव मैरिज बेहतर है? इसका सीधा उत्तर नहीं है, क्योंकि दोनों के अपने-अपने फायदे और चुनौतियां हैं:

  • अरेंज मैरिज में परिवार की भूमिका अधिक होती है, जिससे सामंजस्य और समर्थन मिलता है।

  • लव मैरिज में भावनात्मक जुड़ाव पहले से होता है, जिससे सामंजस्य बेहतर रह सकता है।

लेकिन अंततः सफल विवाह का रहस्य आपसी समझ, सम्मान और समर्पण में छिपा होता है, चाहे वह अरेंज मैरिज या लव मैरिज हो।

विवाह से पहले कुंडली का महत्व

भले ही विवाह अरेंज हो या लव, कुंडली का मिलान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। कुंडली क्या कहती है यह जानकर हम निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  • मानसिक और भावनात्मक सामंजस्य

  • स्वास्थ्य और संतान सुख का योग

  • आर्थिक और पारिवारिक स्थिरता

  • ग्रह दोषों की पहचान और उनके उपाय

यदि विवाह से पहले कुंडली में दोष मिलते हैं, तो उनके समाधान के लिए उपाय किए जा सकते हैं, जैसे मंगल दोष शांति, राहु-केतु शांति या नाड़ी दोष शांति।

विवाह में ग्रह दोषों का प्रभाव

कई बार लव मैरिज या अरेंज मैरिज में समस्याओं का कारण ग्रह दोष होते हैं। जैसे:

  • मंगल दोष – वैवाहिक कलह और दुर्घटनाओं का कारक

  • शनि दोष – संबंधों में दूरी और गलतफहमियां

  • राहु-केतु दोष – अनिश्चितता और धोखे की संभावना

इसलिए शादी से पहले कुंडली का अध्ययन यह जानने में मदद करता है कि कुंडली क्या कहती है, और किस प्रकार के उपाय करने चाहिए।

उपाय जो विवाह को सफल बना सकते हैं

चाहे अरेंज मैरिज या लव मैरिज हो, निम्नलिखित उपाय विवाह को सुखमय बना सकते हैं:

अरेंज मैरिज या लव मैरिज – कुंडली क्या कहती है, इसका रहस्य समझने के लिए जरूरी है कि हम अपनी कुंडली का गहराई से अध्ययन करें। ग्रहों की स्थिति, दशाएं, भाव और योग हमें यह संकेत देते हैं कि हमारा वैवाहिक जीवन किस प्रकार का हो सकता है। चाहे विवाह का स्वरूप कोई भी हो, सफलता का रहस्य आपसी विश्वास, समझ और समर्पण में छिपा होता है।

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में अरेंज मैरिज या लव मैरिज के योग हैं, तो किसी कुशल ज्योतिषी से सलाह लें और अपने वैवाहिक जीवन की दिशा को सकारात्मक बनाएं।


नेहा वर्मा,भंवरकुआं, इंदौर

"मैं भंवरकुआं, इंदौर से हूँ और अपनी शादी को लेकर बहुत उलझन में थी कि अरेंज मैरिज सही रहेगी या लव मैरिज। विजय नगर, इंदौर के एस्ट्रोलॉजर साहू जी से कुंडली दिखाने के बाद मुझे स्पष्ट दिशा मिली। साहू जी ने मेरी कुंडली देखकर सही सलाह दी, जिससे मेरी शादीशुदा जिंदगी सुखमय बनी। उनका अनुभव कमाल का है!"

सौरभ जैन,अन्नपूर्णा नगर, इंदौर

"अन्नपूर्णा नगर, इंदौर से मैंने विजय नगर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी से अपनी कुंडली की जांच करवाई कि मेरी शादी लव होगी या अरेंज। साहू जी ने बेहद सटीक और आसान भाषा में समझाया, जिससे मेरे परिवार को भी स्पष्टता मिली। उनकी भविष्यवाणी बिलकुल सही निकली और आज हम खुशहाल दांपत्य जीवन जी रहे हैं!"

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:





























Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...