सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के उपाय

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के उपाय

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के उपाय

भारतीय ज्योतिष और संस्कृति में सोमवती अमावस्या का अत्यंत महत्व है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के लिए किए गए उपायों को अत्यधिक प्रभावशाली माना गया है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष विद्यमान होता है, उनके जीवन में कई प्रकार की बाधाएं, आर्थिक तंगी, संतान संबंधी कष्ट, और मानसिक अशांति देखी जाती है। ऐसे में पितृ दोष निवारण के उपाय करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण क्यों महत्वपूर्ण है, इसके ज्योतिषीय संकेत क्या हैं, और किन उपायों को करने से जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

सोमवती अमावस्या का महत्व और पितृ दोष का कारण

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण इसलिए खास माना जाता है क्योंकि इस दिन चंद्रमा और सूर्य की स्थिति विशेष रूप से प्रभावशाली होती है। चंद्रमा मन का कारक होता है, और सोमवती अमावस्या पर चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने के कारण मानसिक अवसाद, अशांति और पारिवारिक कलह के योग बढ़ जाते हैं। ऐसे में यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष हो, तो उसकी समस्याएं और भी अधिक बढ़ जाती हैं। सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष को शांत करने के लिए शास्त्रों में कई प्रकार के पितृ दोष निवारण के उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।

कुंडली में पितृ दोष के लक्षण

पितृ दोष का संकेत कुंडली में कई रूपों में मिलता है। कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • संतान सुख में बाधा या संतान का कष्टदायी जीवन।

  • बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।

  • आर्थिक रूप से स्थिरता न होना।

  • घर में अशांति और झगड़े।

  • अकस्मात दुर्घटनाएं या असामयिक मृत्यु।

यदि कुंडली में सूर्य, राहु, केतु या शनि ग्रह अशुभ स्थिति में हो, या 9वें भाव में ग्रहों की खराब दशा हो, तो सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष को शांत करना जरूरी हो जाता है।

पितृ दोष के कारण

पितृ दोष के कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों का अपमान, श्राद्ध कर्म का न करना, या पूर्वजों द्वारा किसी के साथ किया गया अन्याय सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष का प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा, परिवार में हुई अचानक मृत्यु या किसी विशेष सदस्य की आत्मा को शांति न मिलने के कारण भी पितृ दोष उत्पन्न होता है।

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के उपाय

  • पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म
    सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय तर्पण और श्राद्ध करना है। इस दिन पवित्र नदी या सरोवर के किनारे तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है।

  • पिपल के वृक्ष की पूजा
    इस दिन पिपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही, सात परिक्रमा लगाकर पितरों का स्मरण करना चाहिए। यह उपाय पितृ दोष निवारण के उपाय में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

  • दक्षिणा और दान देना
    सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष को शांत करने के लिए ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा, और तिल दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

  • गाय को हरा चारा और गुड़ खिलाना
    इस दिन गाय को हरा चारा, गुड़, और रोटी खिलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कुंडली में पितृ दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं।

  • मंत्र जाप
    पितृ दोष निवारण के उपाय में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। "ॐ पितृभ्यः नमः" का जाप 108 बार करना चाहिए। साथ ही, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण का महत्व

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष शांत करने से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं दूर हो सकती हैं। विशेष रूप से आर्थिक संकट, विवाह में विलंब, संतान प्राप्ति में बाधा, और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का समाधान होता है। इसलिए पितृ दोष निवारण के उपाय को गंभीरता से लेना चाहिए और इन्हें श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए।

ज्योतिषीय दृष्टि से सोमवती अमावस्या

ज्योतिषीय दृष्टि से सोमवती अमावस्या

ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष का प्रभाव मुख्य रूप से चंद्रमा और राहु की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो मानसिक कष्ट और तनाव बढ़ सकता है। ऐसे में पितृ दोष निवारण के उपाय करने से मानसिक संतुलन बेहतर होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के लिए बताए गए उपायों को जीवन में अपनाकर व्यक्ति अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकता है और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर कर सकता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जिनकी कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव है। इसलिए पितृ दोष निवारण के उपाय को गंभीरता से अपनाएं और इस पावन अवसर का लाभ उठाएं।

अगर आप अपनी कुंडली की जांच करवाना चाहते हैं या पितृ दोष के निवारण हेतु विशेष उपाय जानना चाहते हैं, तो अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।

पूनम वर्मा ,राऊ, इंदौर

मुझे कई सालों से पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। व्यवसाय में नुकसान, घर में असंतोष और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लगातार बनी हुई थीं। फिर मुझे किसी ने विजय नगर, इंदौर में साहू जी के बारे में बताया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि मेरे पितृ दोष के कारण ये परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा, काले तिल का दान, और पितरों के नाम से ब्राह्मण भोजन कराने का उपाय बताया। इन उपायों के बाद से हमारे घर में शांति आई है और धन की स्थिति भी सुधर रही है। साहू जी का आभार।"

विवेक जोशी,सुधामा नगर, इंदौर

मेरे जीवन में बार-बार रुकावटें आ रही थीं – नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल रहा था और परिवार में कलह थी। मैंने विजय नगर, इंदौर के साहू जी से सलाह ली। उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष निवारण के लिए कुछ उपाय करने चाहिए, जैसे – पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना, पितरों के नाम से गाय को हरा चारा देना और मंदिर में नारियल का दान करना। इन उपायों से मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। साहू जी का मार्गदर्शन अमूल्य है

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Astrologer Sahu Ji
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