मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में कौन से योग होते हैं?
हमारे जीवन में करियर का चुनाव एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और यदि बात मेडिकल फील्ड की करें, तो यह एक ऐसा क्षेत्र है जो सेवा, समर्पण और मानवता की सेवा से जुड़ा होता है। लेकिन क्या हर कोई मेडिकल फील्ड में करियर बना सकता है? ज्योतिष के अनुसार, कुछ विशेष योग होते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि जातक मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए उपयुक्त है। आइए जानते हैं कि मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में कौन से योग होते हैं और उनके महत्व को समझते हैं।
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में कौन से योग?
छठे भाव की भूमिका:
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में छठे भाव का विशेष महत्व होता है। छठा भाव रोग, चिकित्सा और सेवा का भाव माना जाता है। अगर छठे भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो, तो जातक के मेडिकल फील्ड में सफलता पाने के योग बनते हैं।
चिकित्सा से जुड़े ग्रहों का प्रभाव:
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा और मंगल का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है। सूर्य से चिकित्सा का ज्ञान, चंद्रमा से संवेदनशीलता और मंगल से सर्जरी और साहस के गुण मिलते हैं। यदि ये ग्रह कुंडली में अच्छी स्थिति में हों, तो जातक के मेडिकल क्षेत्र में प्रगति के प्रबल योग बनते हैं।
नीचभंग राजयोग का महत्व:
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नीचभंग राजयोग का महत्व: |
जातकों की कुंडली में कौन से योग उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ाते हैं, इसमें नीचभंग राजयोग का भी बड़ा योगदान होता है। यदि कोई ग्रह नीच का हो, लेकिन वह नीचभंग का योग बना रहा हो, तो व्यक्ति संघर्षों के बाद बड़ी सफलता प्राप्त करता है। यह योग मेडिकल क्षेत्र में उच्च पदों पर पहुंचने की क्षमता देता है।
दशम और अष्टम भाव का संबंध:
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में दशम भाव (कार्य) और अष्टम भाव (रहस्य, अनुसंधान, चिकित्सा) का संबंध भी देखना चाहिए। यदि दशम भाव और अष्टम भाव का आपस में संबंध हो, तो जातक को चिकित्सा अनुसंधान या सर्जरी के क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है।
शनि और राहु का प्रभाव:
शनि और राहु चिकित्सा क्षेत्र में विशेष योगदान देते हैं। शनि अनुशासन और मेहनत का कारक है, जबकि राहु रिसर्च और खोज का कारक है। यदि शनि और राहु दशम, अष्टम या छठे भाव में शुभ दृष्टि या युति बना रहे हों, तो जातक को मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले विशेष योग प्राप्त होते हैं।
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में कौन से योग और ग्रहों का महत्व?
बुध और गुरु की भूमिका:
बुध बुद्धिमत्ता और विश्लेषण शक्ति का कारक है, जबकि गुरु ज्ञान का प्रतीक है। मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में बुध और गुरु का बलवान होना आवश्यक है। ये दोनों ग्रह जातक को चिकित्सा विज्ञान में गहन अध्ययन और मरीजों की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
चंद्रमा और संवेदनशीलता:
मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में चंद्रमा का शुभ प्रभाव भी अनिवार्य है। चंद्रमा करुणा, सहानुभूति और सेवा भावना देता है, जो एक अच्छे डॉक्टर या स्वास्थ्यसेवी के लिए अत्यंत आवश्यक गुण हैं।
बचपन से मेडिकल फील्ड की रुचि के संकेत
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बचपन से मेडिकल फील्ड की रुचि के संकेत |
जातकों की कुंडली में कौन से योग उनके बचपन से ही मेडिकल फील्ड की ओर रुझान को दर्शाते हैं? इसका उत्तर है – यदि चतुर्थ, पंचम, दशम और छठे भाव में बुध, गुरु और चंद्रमा का संबंध बने, तो जातक को कम उम्र में ही मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही, अगर राहु-केतु का प्रभाव अष्टम भाव या बारहवें भाव में हो, तो जातक को रिसर्च आधारित मेडिकल फील्ड में विशेष रुचि होती है।
पितृ दोष और मेडिकल फील्ड
कई बार जातकों की कुंडली में पितृ दोष के कारण भी मेडिकल फील्ड में करियर बनाने की ओर झुकाव देखा गया है। इसका कारण यह है कि पितृ दोष से जुड़े जातकों की कुंडली में छठे, अष्टम और बारहवें भाव में कुछ विशेष ग्रह स्थित होते हैं, जो सेवा कार्यों की ओर आकर्षित करते हैं।
उपाय और प्रोत्साहन
अगर जातक मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक हैं, तो उन्हें निम्न उपाय करने चाहिए:
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हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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मंगलवार और शनिवार को गरीबों को भोजन कराएं।
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छठे भाव के स्वामी के अनुसार रत्न धारण करें।
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गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शिक्षकों और बुजुर्गों का सम्मान करें मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वाले जातकों की कुंडली में कौन से योग होते हैं, यह जानना ज्योतिष की दृष्टि से बेहद रोचक और महत्वपूर्ण विषय है। यदि उपयुक्त योग मौजूद हों और जातक कठिन परिश्रम और समर्पण से अपना लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करे, तो निश्चित रूप से वह मेडिकल फील्ड में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।
अगर आपकी कुंडली में भी ऐसे योग दिखाई देते हैं, तो आप भी मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का सपना साकार कर सकते हैं।
डॉ. निशा जैन ,बायपास रोड, इंदौर
"मैं हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन रास्ते में कई रुकावटें आ रही थीं। किसी ने विजय नगर, इंदौर के साहू जी का नाम बताया। उन्होंने मेरी कुंडली देखी और बताया कि मेरी कुंडली में चंद्रमा, बुध और गुरु की विशेष स्थिति है, जो मेडिकल फील्ड के लिए शुभ है। उन्होंने कुछ विशेष उपाय भी बताए – हर बुधवार को गौ माता को हरा चारा देना और प्रतिदिन मां सरस्वती का मंत्र जप करना। इन उपायों और उनकी सलाह से मुझे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिला और मेरा सपना साकार हुआ। मैं साहू जी की आभारी हूं।"