कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के योग:

कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के योग: 

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कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के योग

भारतीय संस्कृति में कुंडली मिलान का महत्व विवाह से जुड़ी हर चर्चा में सबसे ऊपर होता है। शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं होती, बल्कि यह दो परिवारों का भी मिलन होती है, और इसलिए सभी चाहते हैं कि यह संबंध सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। अक्सर लोग यह जानना चाहते हैं कि कुंडली में शादी के बाद धन का योग बनता है या नहीं, क्योंकि आर्थिक स्थिरता जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली को व्यक्ति के भविष्य का दर्पण माना जाता है। इसमें केवल विवाह का योग नहीं देखा जाता, बल्कि विवाह के बाद जीवन में आने वाली सुख-सुविधाओं, आर्थिक उन्नति और समृद्धि का भी विश्लेषण किया जाता है। आइए इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं कि कुंडली में शादी के बाद धन के योग कैसे पहचाने जाते हैं, कौन से ग्रह और भाव इसके लिए जिम्मेदार होते हैं, और किन उपायों से इन योगों को और मजबूत किया जा सकता है।

कुंडली में शादी का महत्व

कुंडली में शादी का योग मुख्यतः सातवें भाव से देखा जाता है। सातवां भाव जीवनसाथी, वैवाहिक जीवन, साझेदारी और विवाह के बाद के संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है। अगर सातवां भाव और इसका स्वामी मजबूत स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। लेकिन जब बात कुंडली में शादी के बाद धन की आती है, तो केवल सातवां भाव ही नहीं, बल्कि दूसरे, ग्यारहवें और नौवें भाव की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

कुंडली में शादी के बाद धन लाभ का महत्व

किसी भी शादी के बाद आर्थिक उन्नति की चाह स्वाभाविक होती है। यह केवल भौतिक सुखों के लिए नहीं, बल्कि परिवार की खुशहाली और स्थिरता के लिए भी आवश्यक होती है। कुंडली में शादी के बाद धन के योगों का विश्लेषण कर हम यह जान सकते हैं कि विवाह के बाद व्यक्ति को कौन-कौन से अवसर मिल सकते हैं, जैसे:

  • दहेज या पैतृक संपत्ति से लाभ

  • जीवनसाथी की आय में वृद्धि

  • व्यवसाय में साझेदारी से लाभ

  • ससुराल पक्ष से आर्थिक मदद

  • नौकरी या व्यवसाय में तरक्की

कुंडली में धन लाभ के योग देखने के लिए मुख्य भाव

कुंडली में धन लाभ के योग देखने के लिए मुख्य भाव

  • दूसरा भाव (धन भाव): पारिवारिक धन, जमा पूंजी, और वाणी का भाव है।

  • सातवां भाव (विवाह भाव): विवाह, साझेदारी, जीवनसाथी से संबंधित है।

  • नौवां भाव (भाग्य भाव): सौभाग्य, धर्म, गुरु कृपा, और उच्च शिक्षा का प्रतिनिधि।

  • ग्यारहवां भाव (लाभ भाव): आय, लाभ, इच्छाओं की पूर्ति, और मित्रता का भाव है।

जब ये भाव आपस में शुभ दृष्टि या युति में होते हैं, तो कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के विशेष योग बनते हैं।

कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के प्रमुख योग

अब जानते हैं कि कुंडली में शादी के बाद धन के कौन-कौन से प्रमुख योग बनते हैं:

सप्तमेश और धनभाव का संबंध

अगर सातवें भाव का स्वामी (सप्तमेश) दूसरे भाव या ग्यारहवें भाव में स्थित हो, या उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो शादी के बाद आर्थिक वृद्धि के योग बनते हैं। यह जीवनसाथी के माध्यम से आय बढ़ने या साझा व्यवसाय से लाभ की स्थिति होती है।

शुक्र और गुरु की स्थिति

शुक्र विवाह और सुख का कारक ग्रह है, जबकि गुरु संपत्ति, ज्ञान और धन का कारक है। कुंडली में अगर शुक्र और गुरु मजबूत हों और दूसरे, सातवें या ग्यारहवें भाव से संबंधित हों, तो व्यक्ति को शादी के बाद धन लाभ होता है।

नवांश कुंडली में मजबूत योग

नवांश कुंडली (D-9 chart) शादी के बाद के जीवन की गुणवत्ता बताती है। अगर नवांश कुंडली में दूसरे, सातवें और ग्यारहवें भाव या उनके स्वामी मजबूत हों, तो शादी के बाद धन लाभ के अवसर बढ़ जाते हैं।

लाभेश और सप्तमेश की युति या दृष्टि

जब लाभ भाव (11वां) का स्वामी और सप्तमेश (7वां भाव का स्वामी) एक-दूसरे से जुड़े हों, तो यह उत्तम धन योग माना जाता है। इससे जीवनसाथी के माध्यम से अचानक लाभ, प्रमोशन या ससुराल पक्ष से आर्थिक मदद के योग बनते हैं।

शादी के बाद धन लाभ देने वाले ग्रह

शादी के बाद धन लाभ देने वाले ग्रह

कुंडली में विशेष ग्रहों की स्थिति कुंडली में शादी के बाद धन के लिए जिम्मेदार होती है:

  • शुक्र: प्रेम, सुख-सुविधा और वैवाहिक जीवन का कारक

  • गुरु: विस्तार, भाग्य, और आर्थिक समृद्धि का कारक

  • चंद्रमा: मानसिक संतुलन, परिवार में शांति और स्थिरता

  • मंगल: ऊर्जा, संपत्ति और साहस

  • बुध: बुद्धि, व्यापार, और संचार कौशल

अगर ये ग्रह शुभ भावों में बैठकर अच्छे परिणाम दे रहे हों, तो कुंडली में शादी के बाद धन के मजबूत योग बनते हैं।

कुंडली में शादी के बाद धन लाभ बढ़ाने के उपाय

यदि आपकी कुंडली में योग कमजोर हैं या विवाह के बाद आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं:

  • शुक्र और गुरु के उपाय: शुक्रवार को लक्ष्मी पूजा, गुरु के लिए गुरुवार का व्रत रखना।

  • सातवें भाव को मजबूत बनाना: सप्तमेश के मंत्रों का जाप, रुद्राभिषेक कराना।

  • नवग्रह शांति पूजा: नवग्रहों की शांति से बाधाएं कम होती हैं।

  • दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान देना भाग्य को मजबूत करता है।

  • मंत्र जाप और रत्न धारण: योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर शुभ रत्न पहनना।

इन उपायों से कुंडली में शादी के बाद धन के योगों को और बल दिया जा सकता है।

विवाह में कुंडली मिलान क्यों जरूरी?

कुंडली में शादी का योग देखने के अलावा, कुंडली मिलान करते समय निम्न पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

  • गुण मिलान (अष्टकूट मिलान)

  • मंगल दोष

  • नाड़ी दोष

  • भावों का आपसी संबंध

  • ग्रहों की दशा और अंतरदशा

यदि विवाह से पहले कुंडली का मिलान सही ढंग से किया जाए, तो शादी के बाद के जीवन में धन, सुख और समृद्धि के योग प्रबल होते हैं। इसलिए कुंडली में शादी का केवल योग देखना पर्याप्त नहीं, बल्कि कुंडली मिलान भी आवश्यक होता है।

किन लोगों को मिलते हैं शादी के बाद धन लाभ के योग?

कुछ विशेष लग्न और राशियों में जन्मे लोगों को शादी के बाद विशेष रूप से धन लाभ होते हैं:

  • वृषभ, तुला, मीन राशि: शुक्र और गुरु की कृपा से लाभ

  • कर्क, वृश्चिक, मकर राशि: पारिवारिक संपत्ति या ससुराल से लाभ

  • सिंह, धनु राशि: अपनी मेहनत और जीवनसाथी की मदद से उन्नति

यहां फिर से याद दिलाते चलें कि ये केवल सामान्य संकेत हैं, हर कुंडली की दशा और स्थिति अलग होती है, इसलिए व्यक्तिगत विश्लेषण जरूरी है।

कुल मिलाकर, कुंडली में शादी के बाद धन लाभ के योग देखना एक जटिल लेकिन रोचक विषय है। इसके लिए केवल सातवें भाव को देखना पर्याप्त नहीं, बल्कि दूसरे, नौवें और ग्यारहवें भाव, उनके स्वामी और ग्रहों की दशा, अंतरदशा को भी ध्यान से देखना पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग मजबूत होते हैं, उन्हें शादी के बाद आर्थिक सफलता, संपत्ति, और समृद्धि के अवसर प्राप्त होते हैं।

अगर आपकी कुंडली में शादी के बाद के योगों को लेकर कोई प्रश्न है, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। इसके अलावा, ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपने ग्रहों को संतुलित करके अपने जीवन में धन लाभ के योग को और अधिक मजबूत कर सकते हैं।


नेहा वर्मा ,सुदामा नगर, इंदौर

"मेरी शादी के बाद लगातार आर्थिक समस्याएँ आ रही थीं। सुदामा नगर, इंदौर से मैं विजय नगर के एस्ट्रोलॉजर साहू जी के पास गई। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर शादी के बाद धन लाभ के योग समझाए और कुछ उपाय बताए। उनके बताए उपाय करने के बाद हमारे घर में सच में आर्थिक स्थिति में सुधार आया। मैं बहुत खुश और आभारी हूँ!"

अमित जैन ,मालवा मिल, इंदौर

"मालवा मिल, इंदौर से मैं अपनी पत्नी के साथ विजय नगर, इंदौर के एस्ट्रोलॉजर साहू जी के पास गया था। साहू जी ने हमारी दोनों की कुंडलियाँ मिलाकर यह बताया कि शादी के बाद किस समय पर धन लाभ के योग बनेंगे। उन्होंने हमें रत्न और पूजा के उपाय बताए, जिससे अब हमारा व्यापार अच्छा चल रहा है। इंदौर में अगर धन योग जानना हो, तो साहू जी से मिलना चाहिए!"

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