पूर्णिमा के दिन कौन से ग्रह सबसे ज्यादा प्रभावी रहते हैं?

पूर्णिमा के दिन कौन से ग्रह सबसे ज्यादा प्रभावी रहते हैं?

पूर्णिमा के दिन कौन से ग्रह 

भारतीय वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। चंद्रमा को मन, भावनाएं, माता, मानसिक स्थिति और कल्पनाशक्ति का कारक माना जाता है। पूर्णिमा का दिन चंद्रमा की पूर्ण स्थिति को दर्शाता है, जब चंद्रमा पृथ्वी से पूरी तरह प्रकाशित दिखाई देता है। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च ऊर्जा स्थिति में होता है और अन्य ग्रहों के साथ मिलकर विशेष प्रभाव उत्पन्न करता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूर्णिमा के दिन केवल चंद्रमा ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य ग्रह भी अत्यधिक प्रभावशाली हो जाते हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि पूर्णिमा के दिन कौन-कौन से ग्रह सबसे अधिक प्रभावी रहते हैं, और उनके प्रभाव का हमारे जीवन पर क्या असर पड़ता है।

चंद्रमा – सबसे मुख्य ग्रह

चंद्रमा को पूर्णिमा का अधिपति कहा जाता है। यह ग्रह मन और भावनाओं को नियंत्रित करता है। जब चंद्रमा पूर्ण होता है, तब मानसिक शक्ति और संवेदनशीलता अपने चरम पर होती है। पूर्णिमा पर जन्मे जातक कल्पनाशील, भावुक, रचनात्मक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं।

प्रभाव:
  • मानसिक स्पष्टता और संतुलन

  • उच्च भावनात्मक संवेदनशीलता

  • आध्यात्मिक चेतना की वृद्धि

  • रचनात्मक कार्यों में रुचि

  • कभी-कभी अत्यधिक भावुकता या अस्थिरता

उपाय:

  • दूध और चावल का दान करें

  • ‘ॐ चन्द्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें

  • रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें

गुरु (बृहस्पति) – ज्ञान और धर्म का ग्रह

 ज्ञान और धर्म का ग्रह

गुरु ग्रह पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से प्रभावी होता है, विशेषकर यदि यह गुरुवार को पड़े। गुरु धर्म, ज्ञान, न्याय, शिक्षा और गुरु-शिष्य संबंधों का प्रतीक है। पूर्णिमा पर गुरु के शुभ प्रभाव से आध्यात्मिक विकास, विद्या और वैदिक ज्ञान में वृद्धि होती है।

प्रभाव:

  • उच्च शिक्षा में सफलता

  • धार्मिक प्रवृत्ति में वृद्धि

  • अच्छे गुरुओं की प्राप्ति

  • निर्णय क्षमता में सुधार

उपाय:
  • पीले वस्त्र धारण करें

  • केले के पेड़ की पूजा करें

  • किसी ब्राह्मण को चने की दाल और पीले फल का दान करें

शनि – कर्म और अनुशासन का ग्रह

पूर्णिमा पर शनि का प्रभाव व्यक्ति को आत्ममंथन और आत्मावलोकन की ओर ले जाता है। शनि का धीमा लेकिन गहरा प्रभाव व्यक्ति के जीवन की वास्तविकता को उजागर करता है। यदि पूर्णिमा शनि की दृष्टि में आती है, तो यह समय आत्मनिरीक्षण और कर्म सुधार के लिए उत्तम माना जाता है।

प्रभाव:

  • जिम्मेदारियों की अनुभूति

  • जीवन के गहरे अर्थ की खोज

  • अनुशासन में वृद्धि

  • कुछ लोगों में अवसाद या अकेलापन

उपाय:
  • तिल और काले वस्त्र का दान करें

  • हनुमान चालीसा का पाठ करें

  • शनिदेव के मंदिर में दीपक जलाएं

केतु – मोक्ष और अध्यात्म का ग्रह

केतु पूर्णिमा पर मानसिक रूप से प्रभावित करता है। यह ग्रह माया से दूर कर आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। पूर्णिमा के दिन यदि केतु सक्रिय हो, तो ध्यान, साधना और तंत्र में विशेष सफलता मिल सकती है।

प्रभाव:

  • आध्यात्मिक जागरूकता

  • भौतिक सुखों से विरक्ति

  • पूर्व जन्म के कर्मों का अनुभव

  • कभी-कभी भ्रम या मानसिक बेचैनी

उपाय:

  • नीम की लकड़ी से हवन करें

  • गोमूत्र या तुलसी के पत्तों का सेवन करें

  • "ॐ केतवे नमः" मंत्र का जाप करें

शुक्र – सौंदर्य, कला और प्रेम का ग्रह

शुक्र – सौंदर्य, कला और प्रेम का ग्रह

पूर्णिमा के दिन शुक्र का प्रभाव व्यक्ति को भावनात्मक और रचनात्मक बनाता है। यह कला, संगीत, सौंदर्य और प्रेम संबंधों को सशक्त करता है। यदि शुक्र और चंद्रमा एक साथ शुभ स्थिति में हों, तो जातक अत्यंत आकर्षक और रचनात्मक होता है।

प्रभाव:

  • प्रेम जीवन में वृद्धि

  • सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि

  • कला और फैशन के क्षेत्र में सफलता

  • भोग-विलास की इच्छा में वृद्धि

उपाय:

  • सफेद वस्त्र पहनें

  • सुगंधित इत्र लगाएं

  • देवी लक्ष्मी की पूजा करें

पूर्णिमा पर ध्यान क्यों ज़रूरी है?

पूर्णिमा के दिन मन की तरंगे चंचल हो जाती हैं। इसलिए यह दिन ध्यान, पूजा-पाठ, जप, तप और साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन की ऊर्जा अत्यंत शुद्ध और शक्तिशाली होती है। जो भी कार्य आप पूर्णिमा पर करते हैं, उसका असर कई गुना अधिक होता है।

पूर्णिमा के दिन केवल चंद्रमा ही नहीं बल्कि गुरु, शनि, शुक्र, केतु जैसे अन्य ग्रह भी विशेष प्रभाव डालते हैं। इन ग्रहों की स्थिति, दृष्टि और युति हमारे मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक जीवन को गहराई से प्रभावित करती है। यदि हम इन ग्रहों की चाल और ऊर्जा को समझकर उनके अनुसार उपाय करें, तो जीवन में शांति, सफलता और संतुलन बनाए रखा जा सकता है।

पूर्णिमा का दिन केवल चंद्र दर्शन तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसा अवसर है जब हम आत्मचिंतन, साधना और ग्रहों की कृपा के माध्यम से अपने जीवन को उच्चतर दिशा में ले जा सकते हैं।


स्नेहा मिश्रा, बंगाली कॉलोनी, इंदौर

मैं हमेशा पूर्णिमा के दिन भावनात्मक रूप से बहुत प्रभावित महसूस करती थी। जब मैंने बंगाली कॉलोनी, इंदौर में एस्ट्रोलॉजर साहू जी से मुलाकात की, उन्होंने बताया कि इस दिन चंद्रमा का प्रभाव सबसे अधिक होता है, और यदि कुंडली में चंद्र दोष हो, तो असर और बढ़ जाता है। उन्होंने मुझे चंद्र शांति के उपाय बताए और रत्न पहनने की सलाह दी। अब पूर्णिमा के दिन मेरी ऊर्जा सकारात्मक रहती है। साहू जी वाकई इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं।"

राजेश पाटीदार, भंवरकुआं, इंदौर

मुझे पूर्णिमा के दिन बेचैनी और नींद की कमी का अनुभव होता था। भंवरकुआं, इंदौर में रहने वाले एस्ट्रोलॉजर साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि पूर्णिमा पर चंद्र, गुरु और कभी-कभी शनि ग्रह भी अत्यधिक प्रभाव में रहते हैं। उन्होंने जो ज्योतिषीय उपाय बताए, जैसे चंद्र मंत्र जप और जल अर्पण, उससे बहुत राहत मिली। अब मैं हर पूर्णिमा को एक नई ऊर्जा के साथ जीता हूं।"

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