रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र का महत्व: इनका सही प्रयोग कैसे करें?

रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र का महत्व: इनका सही प्रयोग कैसे करें?

Rudraksha, Gemstones and Yantra-indore astrologer

रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र का महत्व

भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र का विशेष महत्व है। ये तीनों ज्योतिषीय और आध्यात्मिक उपायों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना, ग्रहों की अशुभता को कम करना और समृद्धि एवं सफलता को बढ़ावा देना होता है। इस विस्तृत लेख में हम जानेंगे कि इनका सही उपयोग कैसे करें, कौन से रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र किसके लिए शुभ होते हैं, और इन्हें धारण या स्थापित करने की क्या सही विधि है।

रुद्राक्ष: शिव का आशीर्वाद

रुद्राक्ष क्या है?

रुद्राक्ष एक दिव्य बीज है, जिसे भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है। इसे धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध किया गया है कि रुद्राक्ष के अंदर प्राकृतिक विद्युत-चुंबकीय गुण होते हैं, जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करते हैं।

रुद्राक्ष के विभिन्न प्रकार और उनके लाभ

रुद्राक्ष के विभिन्न प्रकार और उनके लाभ

रुद्राक्ष को उसकी मुख संख्या के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक मुख का अपना विशेष महत्व और प्रभाव होता है।

मुख संख्या अनुसार लाभ

रुद्राक्ष मुखलाभ
1 मुखीआत्मज्ञान, एकाग्रता, मोक्ष
2 मुखीदांपत्य जीवन में सामंजस्य, मानसिक शांति
3 मुखीआत्मविश्वास, ऊर्जा, तनाव मुक्ति
4 मुखीबुद्धि, स्मरण शक्ति, ज्ञान वृद्धि
5 मुखीमानसिक शांति, पाप नाश, स्वास्थ्य लाभ
6 मुखीसाहस, आत्मबल, नेतृत्व क्षमता
7 मुखीधन, व्यापार, आर्थिक उन्नति
8 मुखीविघ्न नाश, मनोबल, सफलता
9 मुखीशक्ति, साहस, भयमुक्ति
10 मुखीनकारात्मक ऊर्जा से बचाव, सभी ग्रहों की शांति
11 मुखीआध्यात्मिकता, ध्यान, मानसिक शांति
12 मुखीआत्मविश्वास, सूर्य के प्रभाव में वृद्धि
13 मुखीआकर्षण शक्ति, नेतृत्व क्षमता
14 मुखीनिर्णय क्षमता, नेतृत्व गुण

रुद्राक्ष धारण करने की विधि

  • शुद्धिकरण: इसे गंगाजल या कच्चे दूध में भिगोकर शुद्ध करें।

  • मंत्र जाप: धारण करने से पहले ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • धारण स्थान: इसे गले में माला के रूप में या हाथ में कड़ा बनाकर पहना जा सकता है।

  • सावधानियाँ: इसे किसी और को न दें, सोते समय उतार दें, और नियमित रूप से साफ करें।

रत्न: ग्रहों की ऊर्जा का संतुलन

रत्न क्या हैं?

रत्न क्या हैं?

रत्न प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कीमती पत्थर होते हैं, जो ग्रहों की ऊर्जा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। हर ग्रह का एक विशेष रत्न होता है, जो सही तरीके से धारण करने पर व्यक्ति को अनेक लाभ प्रदान करता है।

राशि अनुसार रत्न और उनके लाभ

राशिरत्नलाभ
मेषमूंगासाहस, आत्मविश्वास
वृषभहीराप्रेम, समृद्धि
मिथुनपन्नाबुद्धिमत्ता, संवाद क्षमता
कर्कमोतीमानसिक शांति, चंद्र दोष निवारण
सिंहमाणिकनेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास
कन्यापन्नातर्क शक्ति, संवाद क्षमता
तुलाहीरासौंदर्य, सुख-समृद्धि
वृश्चिकमूंगाशक्ति, साहस
धनुपुखराजज्ञान, आध्यात्मिकता
मकरनीलमसफलता, अनुशासन
कुंभनीलमदृढ़ निश्चय, करियर ग्रोथ
मीनपुखराजआध्यात्मिकता, सकारात्मकता

रत्न धारण करने की विधि

  • शुद्धिकरण: इसे गंगाजल और कच्चे दूध में धोकर धूप दिखाएं।

  • मंत्र जाप: ग्रह विशेष के मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • धारण समय: शुभ मुहूर्त में धारण करें।

  • धारण स्थान: सही धातु में अंगूठी या लॉकेट के रूप में पहना जाए।

  • सावधानियाँ: गलत रत्न धारण करने से नुकसान हो सकता है, इसलिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

यंत्र: सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत

यंत्र क्या हैं?

यंत्र क्या हैं?

यंत्र विशेष प्रकार के ज्योतिषीय उपकरण होते हैं, जिनमें विभिन्न ग्रहों और देवताओं की ऊर्जा संचित होती है। इनका उपयोग पूजा-पाठ, ध्यान और वास्तु दोष निवारण के लिए किया जाता है।

प्रमुख यंत्र और उनके लाभ

यंत्रलाभ
श्री यंत्रधन, ऐश्वर्य
महामृत्युंजय यंत्रस्वास्थ्य, दीर्घायु
नवग्रह यंत्रसभी ग्रहों की शांति
सूर्य यंत्रआत्मविश्वास, सफलता
शनि यंत्रशनि दोष से मुक्ति
कुबेर यंत्रधन की वृद्धि

यंत्र स्थापना की विधि

  • शुद्धिकरण: गंगाजल से धोकर यंत्र को शुद्ध करें।

  • पूजा विधि: इसे लाल या पीले वस्त्र पर रखें और दीप जलाएं।

  • मंत्र जाप: संबंधित यंत्र के मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • स्थापन स्थान: पूजा स्थान, ऑफिस या व्यापार स्थल पर रखें।

  • सावधानियाँ: इसे नियमित रूप से साफ करें और मंत्र जाप करते रहें।

रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र के सही उपयोग से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त की जा सकती है। इनका सही विधि से प्रयोग व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य, धन, करियर और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान कर सकता है। हालांकि, इन्हें धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है ताकि ये आपके जीवन में अधिकतम लाभ ला सकें। सही समय पर और सही विधि से धारण किए गए रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।

यदि आप अपने लिए सही उपाय जानना चाहते हैं, तो अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाकर उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें और अपने जीवन में शुभता और समृद्धि लाएँ।


संगीता मिश्रा (MG रोड, इंदौर)

मैं लंबे समय से मानसिक अशांति और नकारात्मकता महसूस कर रही थी। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से परामर्श लेने के बाद, उन्होंने मुझे 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने और पुखराज रत्न पहनने की सलाह दी। साथ ही, धन वृद्धि यंत्र को पूजा स्थल पर रखने को कहा। कुछ ही दिनों में मुझे सकारात्मक बदलाव महसूस हुआ। मैं सच में आभारी हूँ कि मुझे सही मार्गदर्शन मिला!"

विवेक शर्मा (खजराना, इंदौर)

मुझे व्यवसाय में लगातार नुकसान हो रहा था, तब मैंने इंदौर के ज्योतिष विशेषज्ञ साहू जी से मुलाकात की। उन्होंने कुंडली देखकर मुझे गोमेद रत्न पहनने और एक विशेष यंत्र को कार्यालय में रखने की सलाह दी। अब व्यवसाय में स्थिरता आ रही है और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा है। रुद्राक्ष, रत्न और यंत्र का सही उपयोग कैसे करें, यह जानने के लिए इंदौर के ज्योतिषाचार्य से सलाह जरूर लें!"

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