पूर्णिमा पर जन्मे जातकों का स्वभाव और जीवन में प्रभाव

पूर्णिमा पर जन्मे जातकों का स्वभाव और जीवन में प्रभाव

पूर्णिमा पर जन्मे जातकों का स्वभाव 

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और भावनाओं का स्वामी माना गया है। चंद्रमा की गति और उसकी कलाएं व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करती हैं। विशेष रूप से पूर्णिमा तिथि पर जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव अन्य लोगों से काफी अलग और प्रभावशाली होता है। पूर्ण चंद्रमा की रात्रि में जन्मे जातकों पर चंद्रमा की सम्पूर्ण ऊर्जा प्रभाव डालती है, जिससे उनके व्यक्तित्व, सोच, भावना, रिश्ते और भाग्य पर गहरा असर पड़ता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पूर्णिमा पर जन्मे जातकों का स्वभाव कैसा होता है, उनके जीवन में क्या विशेषताएं होती हैं और कौन-कौन से ज्योतिषीय संकेत उन्हें विशिष्ट बनाते हैं।

पूर्णिमा तिथि और चंद्रमा का प्रभाव

पूर्णिमा वह तिथि होती है जब चंद्रमा पूर्ण रूप से चमकता है और पृथ्वी पर अपनी संपूर्ण चंद्र-कला का प्रकाश फैलाता है। यह तिथि चंद्र मास का अंतिम दिन होती है और इसे चंद्रमा की ऊर्जा का शिखर माना जाता है। इस तिथि पर चंद्रमा उच्च ऊर्जा, संवेदनशीलता, कल्पनाशीलता और मानसिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

स्वभाव की विशेषताएं 

भावनात्मक गहराई 

पूर्णिमा पर जन्मे जातक अत्यधिक भावनात्मक और संवेदनशील होते हैं। ये लोग दूसरों के दर्द को बहुत जल्दी समझते हैं और गहराई से अनुभव करते हैं।

उच्च कल्पनाशक्ति 

इनमें कल्पनाशक्ति बहुत प्रबल होती है। कला, संगीत, लेखन, अभिनय, और काव्य जैसे क्षेत्रों में ये जातक विशेष रुचि और योग्यता रखते हैं।

धार्मिक और आध्यात्मिक झुकाव

धार्मिक और आध्यात्मिक झुकाव

पूर्णिमा पर जन्मे लोग अक्सर धार्मिक या आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। उन्हें मंत्र, पूजा, ध्यान आदि में रुचि होती है।

परिवर्तनशील स्वभाव

चंद्रमा के जैसे इनका मन भी बदलता रहता है। ये जल्दी किसी चीज़ से प्रभावित होते हैं और उतनी ही जल्दी उससे ऊब भी जाते हैं।

मित्रवत और मददगार प्रकृति

ये जातक बहुत दयालु, सहानुभूतिपूर्ण और मदद के लिए तत्पर रहते हैं। दोस्ती निभाने में ये सच्चे होते हैं।

जीवन में प्रभाव 

शिक्षा और करियर में प्रभाव

पूर्णिमा पर जन्मे लोगों की मानसिक ऊर्जा बहुत प्रबल होती है, इसलिए ये लोग पढ़ाई में अच्छे हो सकते हैं। यदि चंद्रमा कुंडली में शुभ हो तो ये जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं और शिक्षा, लेखन, मनोविज्ञान, ज्योतिष, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हैं।

करियर क्षेत्र

इनके लिए अनुकूल करियर विकल्प हैं:

  • काउंसलिंग और मनोविज्ञान

  • मीडिया और अभिनय

  • अध्यात्म या धार्मिक सेवा

  • चिकित्सा और आयुर्वेद

  • लेखन, पत्रकारिता और शिक्षण

प्रेम और विवाह में प्रभाव

इनका प्रेम जीवन बहुत भावुक होता है। ये अपने साथी से पूर्ण समर्पण की अपेक्षा करते हैं और खुद भी पूरी तरह समर्पित रहते हैं। हालांकि, अत्यधिक भावुकता के कारण कभी-कभी रिश्तों में अस्थिरता भी आ सकती है।

मानसिक और भावनात्मक स्थिति

इन जातकों का मन अत्यधिक सक्रिय और भावुक होता है। यदि कुंडली में चंद्रमा दूषित हो तो मानसिक तनाव, बेचैनी, नींद की कमी या डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से पूर्णिमा का महत्व

  • पूर्णिमा पर जन्म लेने वालों की कुंडली में चंद्रमा अत्यधिक प्रभावशाली होता है।

  • यदि चंद्रमा उच्च राशि में हो या केंद्र त्रिकोण में स्थित हो तो व्यक्ति अत्यंत प्रभावशाली, समृद्ध और सामाजिक रूप से प्रसिद्ध होता है।

  • चंद्रमा यदि शनि, राहु या केतु से पीड़ित हो तो मानसिक कष्ट, अस्थिरता और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

पूर्णिमा पर जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

इतिहास में कई ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं जिनका जन्म पूर्णिमा को हुआ और उन्होंने कला, राजनीति, धर्म और समाज में अपना योगदान दिया। इनकी कल्पनाशीलता, संवेदनशीलता और उच्च सोच ने उन्हें भीड़ से अलग स्थान दिलाया।

जन्म कुंडली में पूर्णिमा के प्रभाव को कैसे समझें?

जन्म कुंडली में पूर्णिमा

अगर आपका जन्म पूर्णिमा पर हुआ है, तो ये देखें:

  • चंद्रमा की स्थिति (राशि, भाव)

  • चंद्रमा पर दृष्टि कौन से ग्रहों की है?

  • चंद्रमा शुभ ग्रहों से युक्त या पीड़ित तो नहीं?

  • चंद्रमा का नक्षत्र क्या है? (जैसे रोहिणी, हस्त, श्रवण इत्यादि)

इन सभी विश्लेषणों से आपके जीवन की दिशा और मनोवृत्ति को स्पष्ट किया जा सकता है।

ज्योतिषीय उपाय (अगर चंद्रमा अशुभ हो)

  • सोमवार को व्रत रखें और चंद्रमा के मंत्र का जाप करें:
    "ॐ चं चंद्राय नमः"

  • चांदी का कड़ा या सफेद वस्त्र धारण करें।

  • चावल, दूध, चीनी का दान करें।

  • रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें।

  • नियमित ध्यान और प्राणायाम करें ताकि मानसिक संतुलन बना रहे।

विशेष सुझाव पूर्णिमा जन्म वालों के लिए

  • भावनाओं को नियंत्रित करना सीखें।

  • किसी भी निर्णय से पहले मन की बजाय विवेक से काम लें।

  • अपने मन को सकारात्मक दिशा में लगाएं – जैसे रचनात्मक कार्यों में।

  • जल तत्व को अपने जीवन में संतुलित रखें – जैसे जल से जुड़ी चीज़ें (तुलसी को जल देना, पानी से जुड़ा ध्यान करना)।

पूर्णिमा पर जन्मे जातक सौंदर्य, संवेदना, प्रेम, कलात्मकता और आध्यात्मिकता के प्रतीक होते हैं। वे न सिर्फ अपने जीवन को सुंदर बनाते हैं बल्कि दूसरों के जीवन में भी प्रकाश फैलाने की क्षमता रखते हैं। यदि ये अपने मन को स्थिर रखना सीख लें, तो जीवन में कोई भी चुनौती इनके सामने टिक नहीं सकती।

पूर्णिमा की चंद्र रोशनी जिस प्रकार अंधेरे को चीर कर उजाला फैलाती है, वैसे ही ये जातक समाज में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं। 


आकाश चौरे, भंवरकुआं, इंदौर

मैं पूर्णिमा के दिन जन्मा हूँ और हमेशा से मेरे स्वभाव में एक गहराई और भावनात्मक जुड़ाव महसूस करता था। भंवरकुआं के पास एस्ट्रोलॉजर साहू जी से मिलने पर उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि पूर्णिमा पर जन्मे जातकों का चंद्रमा मजबूत होता है, जिससे कल्पनाशक्ति और संवेदनशीलता बढ़ती है। उनकी सलाह से मुझे आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता पाने में मदद मिली।"

कविता पाटीदार, आनंद बाजार, इंदौर

मेरे बेटे का जन्म पूर्णिमा को हुआ था और उसमें बचपन से ही रचनात्मकता, सहानुभूति और आकर्षण है। आनंद बाजार के नज़दीक एस्ट्रोलॉजर साहू जी ने जब उसकी जन्मकुंडली देखी तो बताया कि ऐसे लोग समाज में नाम कमाने की क्षमता रखते हैं। अब मैं उसे संगीत और कला की दिशा में बढ़ाने के लिए आश्वस्त हूँ। साहू जी का मार्गदर्शन हमारे लिए वरदान जैसा रहा।"

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:







Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...