तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत के लिए ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं?
विवाह जीवन एक गहरा भावनात्मक और सामाजिक संबंध होता है, लेकिन जब यह रिश्ता टूटता है, तो व्यक्ति भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक रूप से बिखर जाता है। तलाक एक ऐसा मोड़ है जो व्यक्ति को भीतर से हिला सकता है, लेकिन यह अंत नहीं है। जीवन एक बार फिर मुस्कुरा सकता है, यदि हम तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत की दिशा में सही कदम उठाएं। इस कठिन समय में ज्योतिष हमें एक नई दृष्टि और आशा दे सकता है।
ग्रहों की स्थिति हमारे मानसिक, भावनात्मक और व्यवहारिक निर्णयों को प्रभावित करती है। इसलिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं ताकि हम अपने जीवन को पुनः एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकें। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि तलाक के बाद जीवन को कैसे पुनः संगठित करें और ग्रहों के सहारे कैसे एक नई शुरुआत करें।
तलाक और कुंडली का संबंध
ज्योतिष के अनुसार विवाह संबंध सातवें भाव (House of Marriage) से देखा जाता है। यदि सातवें भाव या उसके स्वामी पर पाप ग्रहों (शनि, राहु, केतु, मंगल) का प्रभाव अधिक हो या सप्तम भाव कमजोर हो, तो वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। शनि की साढ़े साती, राहु की दशा या मंगल दोष भी तलाक का कारण बन सकते हैं।
इसलिए जब भी तलाक जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो व्यक्ति को अपनी जन्म कुंडली का गहराई से विश्लेषण करवाना चाहिए। इससे यह समझा जा सकता है कि कौन से ग्रहों का प्रभाव वैवाहिक जीवन पर पड़ा और आगे कैसे उनका संतुलन साधा जा सकता है।
तलाक के बाद मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त करना
तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत तभी संभव है जब आप मानसिक रूप से मजबूत हों। तलाक के बाद कई लोग डिप्रेशन, अकेलापन और आत्मग्लानि में चले जाते हैं। इससे उबरने के लिए जरूरी है:
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चंद्रमा को मजबूत करें, क्योंकि यह मन का कारक है। यदि चंद्रमा अशुभ है तो मानसिक अस्थिरता बनी रहती है।
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सोमवार को व्रत रखें।
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सफेद वस्त्र धारण करें।
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"ॐ चं चंद्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
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चावल, दूध और चीनी का दान करें।
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इन उपायों से मन को शांति मिलती है और आप धीरे-धीरे तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत की ओर बढ़ते हैं।
गुरु ग्रह का आशीर्वाद
गुरु ग्रह जीवन में आशा, सकारात्मकता, ज्ञान और आध्यात्म का कारक होता है। तलाक के बाद व्यक्ति को जीवन में नई राह तलाशने के लिए प्रेरणा और आत्मबल की आवश्यकता होती है, जो गुरु ग्रह से प्राप्त होता है।
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बृहस्पतिवार को पीले वस्त्र पहनें और पीले फूल अर्पित करें।
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"ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः" मंत्र का जाप करें।
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बेसन या चने की दाल का दान करें।
गुरु के प्रभाव से आप फिर से जीवन में विश्वास और उम्मीद महसूस करेंगे और जान पाएंगे कि ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं।
बृहस्पति और शुक्र ग्रह के संतुलन से नया रिश्ता
तलाक के बाद यदि आप जीवन में पुनः प्रेम, समझ और सामंजस्य की ओर बढ़ना चाहते हैं तो बृहस्पति (पुरुषों के लिए) और शुक्र (महिलाओं के लिए) का मजबूत होना जरूरी है।
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शुक्र ग्रह सौंदर्य, आकर्षण और संबंधों का कारक है।
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शुक्रवार को सफेद रंग के वस्त्र पहनें।
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दही, चावल और इत्र का दान करें।
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"ॐ शुं शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
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बृहस्पति ग्रह विवेक, संयम और नई दिशा देने में सहायक होता है।
इन उपायों से संबंधों में स्थिरता आती है और आप सोच सकते हैं कि तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत कैसे करें।
राहु और केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति
तलाक के समय या उससे पहले राहु और केतु का प्रभाव भी होता है, जो भ्रम, अपमान और असमंजस की स्थिति पैदा करता है। यह जीवन को नकारात्मकता में ढकेल देता है। राहु-केतु से मुक्ति पाने के लिए:
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शनिवार या राहुकाल में पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
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“ॐ राहवे नमः” और “ॐ केतवे नमः” मंत्रों का जाप करें।
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काले तिल और नारियल का दान करें।
इन उपायों से आप अपने जीवन में आ रही नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके ग्रहों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
कर्म और आत्मनिर्भरता की शक्ति
ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं, इसका उत्तर केवल उपायों में ही नहीं, बल्कि कर्म में भी है। तलाक के बाद जब व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है, अपने जीवन को नया अर्थ देता है, तब ग्रह स्वतः अनुकूल होने लगते हैं। अपने भीतर के आत्मबल को जगाएं:
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प्रातः सूर्य को अर्घ्य दें और “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
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अपने करियर पर ध्यान दें, कोई नई स्किल सीखें।
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समाज और परिवार में सकारात्मक संवाद बनाए रखें।
जब आप कर्म को प्राथमिकता देते हैं, तब ग्रहों का प्रभाव भी सकारात्मक होता है और तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत की राह खुलती है।
विवाह योग और पुनः संबंध की संभावना
यदि आप पुनः विवाह की योजना बना रहे हैं तो कुंडली में सातवें भाव की पुनः समीक्षा करनी होगी। देखें कि क्या गुरु या शुक्र की दशा-अंतर्दशा चल रही है। निम्नलिखित उपाय करें:
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विवाह के योग के लिए नवग्रह शांति कराएं।
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गाय को हरा चारा और कन्याओं को वस्त्र दान करें।
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मां दुर्गा की उपासना करें – विशेष रूप से नवरात्रि में।
तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत तब सफल होती है जब आप खुद को तैयार पाते हैं और ग्रहों का अनुकूल सहयोग प्राप्त करते हैं।
मंत्र और साधना का प्रभाव
कुछ विशेष मंत्र और साधनाएं ग्रहों को शांत कर, जीवन में स्थिरता और नई ऊर्जा लाने में सहायक होती हैं। इन्हें नियमित करने से जीवन में आश्चर्यजनक सकारात्मक बदलाव आते हैं:
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नवग्रह मंत्रों का जाप करें।
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गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करें।
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प्रतिदिन 15 मिनट ध्यान करें, जिससे मानसिक स्पष्टता आएगी।
जब मन और आत्मा शांत होती है, तभी आप अनुभव कर पाते हैं कि ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं और अपने जीवन को नई दिशा कैसे दें।
वास्तु और ऊर्जा संतुलन
घर की ऊर्जा भी आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तलाक के बाद नए वातावरण में खुद को स्थापित करना महत्वपूर्ण है।
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उत्तर-पूर्व दिशा को साफ-सुथरा और रोशनी से युक्त रखें।
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घर में तुलसी का पौधा लगाएं और सुबह-शाम दीप जलाएं।
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शंख, घंटी या रुद्राक्ष का उपयोग करें जिससे सकारात्मक ऊर्जा बने रहे।
यह परिवर्तन आपको मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है और तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत के लिए एक प्रेरक वातावरण देता है।
ज्योतिषीय सलाह कब लें?
यदि आप बार-बार असफल रिश्तों, मानसिक पीड़ा या करियर में ठहराव का अनुभव कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें। ज्योतिषी आपकी कुंडली देखकर स्पष्ट मार्गदर्शन दे सकता है कि कौन से ग्रह बाधक हैं और ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं।
तलाक के बाद जीवन में नई शुरुआत आसान नहीं होती, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। ग्रहों की चाल, दशाएं और गोचर हमारे जीवन की दिशा को प्रभावित करते हैं, लेकिन सही उपाय, आत्मबल और सकारात्मक सोच से आप इन ग्रहों को अपने पक्ष में कर सकते हैं। इस ब्लॉग में बताए गए उपाय, मंत्र, ध्यान और दैनिक व्यवहारिक बदलाव आपको न केवल आंतरिक शांति देंगे, बल्कि आगे बढ़ने की नई राह भी दिखाएंगे।
जब आप स्वयं को स्वीकार करते हैं, आत्मबल से भरते हैं और आकाश की ओर देखते हैं, तो संपूर्ण ब्रह्मांड आपको सहयोग देता है – यही है ग्रहों का समर्थन कैसे पाएं का सच्चा अर्थ।
स्नेहा शर्मा,भंवरकुआं, इंदौर
"तलाक के बाद मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान थी और जीवन की दिशा को लेकर असमंजस में थी। फिर मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी से भंवरकुआं स्थित उनके कार्यालय में संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि शुक्र और चंद्रमा की स्थिति को संतुलित करना ज़रूरी है। उनके बताए मंत्रों और उपायों से मुझे आत्मिक शांति और आत्मविश्वास मिला। अब मैं जीवन में नई शुरुआत कर चुकी हूँ और पहले से कहीं ज़्यादा सकारात्मक महसूस कर रही हूँ।"
राजीव ठाकुर ,स्नेह नगर, इंदौर
"तलाक के बाद जीवन में एक खालीपन आ गया था। मैंने साहू जी से स्नेह नगर, इंदौर में मिलकर ज्योतिषीय मार्गदर्शन लिया। उन्होंने मुझे राहु-केतु के प्रभाव और शुक्र की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया और कुछ विशेष पूजा और दान के उपाय सुझाए। अब मेरी सोच में बदलाव आया है, और मैं फिर से अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में नई शुरुआत कर पा रहा हूँ। साहू जी का मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी साबित हुआ।"